मुस्लिम समाचार के हवाले से, बांग्लादेशी अधिकारियों ने देश में कोरोना के प्रसार के कारण ईदे क़ुर्बान की नमाज़ के आयोजन के लिऐ सीमाऐं जैसे खुले स्थानों में और जमाअत के रूप में आयोजित होंगी, निर्धारित कीं।
यह निर्णय मंत्रालयों (स्वास्थ्य और धार्मिक मामलों के मंत्रालय)और बांग्लादेशी अधिकारियों के बीच अंतरिम बैठक में लिया गया और उसके अनुसार नमाज़ पढ़ने वालों से सिफारिश की गई कि ईदे क़ुर्बान की नमाज़ का आयोजन ईद गाह(भारतीय उपमहाद्वीप में मुस्लिम क्षेत्रों में ईदे क़ुर्बान व ईदे फ़ित्र की नामज़ के लिऐ छत रहित स्थान इस्तेमाल किया जाता है) के बजाऐ मस्जिदों में करें।
इसी तरह बुजुर्गों, बच्चों और बीमारी से पीड़ित लोगों को भी सूचित किया गया है कि उन्हें इस प्रार्थना में शामिल होने की अनुमति नहीं है।
ईद अल-अज़्हा अर्धचंद्र के दर्शन के आधार पर दो तिथियों में से एक, 31 जुलाई या 1 अगस्त को बांग्लादेश में होने की उम्मीद है।
इससे पहले, इसी तरह का निर्णय ईद अल-फित्र प्रार्थना आयोजित करने के लिए लिया गया था। रविवार (12 जुलाई) तक, बांग्लादेश में कोरोनरी रोग से 47 मौतें हुई हैं।
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